‘यार, वापस बुला ले, दिल्ली में जी नहीं लगता’- वुसतुल्लाह ख़ान
साल 1987 में मेरठ और आसपास के इलाक़ों में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों के बाद मोहम्मद शफ़ीक़ का परिवार किसी न किसी तरह घूमफिर कर पाकिस्तान के कराची पहुँच गया. इन्हीं दंगो में उत्तर प्रदेश की पुलिस पीएसी के हाथों मेरठ के मोहल्ला हाशिमपुरा के 40 से अधिक मुसलमान युवाओं की हत्या कर दी गई थी. कई वर्ष जूतियाँ चटकाने और बहुत सी सिफ़ारिशों के बाद … Continue reading ‘यार, वापस बुला ले, दिल्ली में जी नहीं लगता’- वुसतुल्लाह ख़ान