
रवीश बड़े नहीं ये वक्त बहुत छोटा है- Rakesh Kayasth
बड़ी शख्सियतों की परछाइयों तक से मुझे डर लगता है या खुलकर कहूं तो एलर्जी है। अनगिनत नामचीन लोगो से टकराने के बावजूद कभी निजी पीआर में नहीं पड़ा। मेरे व्यकित्व की अपनी सीमाएं, मेरा इगो, आप जो भी मानें। ऐसे में मुझे अपने किसी समकालीन या हमपेशा आदमी पर लेख लिखना पड़े तो ये वाकई बहुत कष्टप्रद है। कष्ट के साथ थोड़ी सी … Continue reading रवीश बड़े नहीं ये वक्त बहुत छोटा है- Rakesh Kayasth