
Tag: Poetry


Aye Mere Watan Ke Anchor | Parody | War Mongering Media | Ft. Official PeeingHuman
While the tensions between India and Pakistan increased. Amidst of all the things including Pulwama attack, Air Strike in Balakot and Wing Commander Abhinandan, the Indian Media stooped to a new low of enticing violence and war emotions in us. It’s high time that they act responsibly. #BoycottGodiMedia Support Poojan Sahil’s work at : https://www.patreon.com/poojansahil Continue reading Aye Mere Watan Ke Anchor | Parody | War Mongering Media | Ft. Official PeeingHuman

Sab Yaad Rakha jayega by Aamir Aziz
Sab Yaad Rakha jayega by Aamir aziz Dop- Rehan khan, jashvinder. Edited by- shubham Continue reading Sab Yaad Rakha jayega by Aamir Aziz

यदि देश की सुरक्षा यही होती है-पाश #NOCAA
यदि देश की सुरक्षा यही होती हैकि बिना जमीर होना ज़िन्दगी के लिए शर्त बन जाएआँख की पुतली में हाँ के सिवाय कोई भी शब्दअश्लील होऔर मन बदकार पलों के सामने दण्डवत झुका रहेतो हमें देश की सुरक्षा से ख़तरा है । हम तो देश को समझे थे घर-जैसी पवित्र चीज़जिसमें उमस नहीं होतीआदमी बरसते मेंह की गूँज की तरह गलियों में बहता हैगेहूँ की … Continue reading यदि देश की सुरक्षा यही होती है-पाश #NOCAA

तुम बचे रह गए पुरुष और मैं दूर होती गई- Ila Joshi
मैं औरत हूं और मुझे नहीं चाहिए पिता की संपत्ति में हिस्सा भाई से कोई तोहफ़ा पति से निजी खर्च और बेटे से बुढ़ापे का सहारा ये सब तुम रख लो और साथ में रख लो मेरा धर्म, जात और मेरा तुम्हारे साथ वो हर रिश्ता जो मेरे औरत बने रहने में मुझे तक़लीफ़ देते हैं इस असल के सूद में मैं दूंगी तुम्हें मेरा … Continue reading तुम बचे रह गए पुरुष और मैं दूर होती गई- Ila Joshi

पचास दिन पचास रात – बोधिसत्व
यह बड़ी पुरानी बात है कोसल का एक राजा था एक दिन राजा ने उद्बोधन किया … प्रिय प्रजाजनों प्रिय संत जनों राष्ट्र हित में बस पचास दिन और पचास रात जो देता हूँ वह दुख सहन करो वह राजा था इसलिए उद्बोधन कर सकता था दुख सुख सब कुछ दे सकता था भक्त प्रजा ने भजन किया बस पचास दिन और पचास रात … Continue reading पचास दिन पचास रात – बोधिसत्व

आर्यवर्त की सजग सरकार-बोधिसत्व
तभी अचानक सावन के दिव्य महीने में सर्वथा नूतन सरकार ने … एक नया नवेला नियम बनाया घर में दफ्तर में बाजार में रात दिन दोपहर मे नदी नाले नहर में डूब कर या खा कर जहर जो जान गवांएगा ऐसा आत्म हत्यारा देश के लिए शहीद माना जाएगा ऐसे आत्म बलिदानियों की भव्य समाधि बनेगी नगर चौक पर मूर्ति बिठाई जाएगी जन कवियों … Continue reading आर्यवर्त की सजग सरकार-बोधिसत्व

बंदरों के हाथ में उस्तरे का दौर है – Pankaj Dubey
सड़कों पर खामोशी बैंकों में शोर है रातें हैं लंबी जाने कहां भोर है डिजिटल के नाम पर नकदी ले गया चोर है बंदरों के हाथ में उस्तरे का दौर है Continue reading बंदरों के हाथ में उस्तरे का दौर है – Pankaj Dubey

देशहित कोई अदृश्य देवता है – Charu Mishra
देशहित कोई अदृश्य देवता है जिसके लिए जन जन को अपना खून पसीना बहा देना चाहिए। अपनी भूख प्यास और बीमारी भूल जानी चाहिए। आदिवासियों और किसानों को इसकी पूजा में अपनी ज़मीने अर्पित कर देनी चाहिए और सिपाहियों को अपना सुख अपनी जान छात्रो को शिक्षा का बजट और स्कॉलरशिप न्योछावर कर देनी चाहिए तो बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं कर्मचारियों को बुढ़ापे का … Continue reading देशहित कोई अदृश्य देवता है – Charu Mishra
