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यदि देश की सुरक्षा यही होती है-पाश #NOCAA
यदि देश की सुरक्षा यही होती हैकि बिना जमीर होना ज़िन्दगी के लिए शर्त बन जाएआँख की पुतली में हाँ के सिवाय कोई भी शब्दअश्लील होऔर मन बदकार पलों के सामने दण्डवत झुका रहेतो हमें देश की सुरक्षा से ख़तरा है । हम तो देश को समझे थे घर-जैसी पवित्र चीज़जिसमें उमस नहीं होतीआदमी बरसते मेंह की गूँज की तरह गलियों में बहता हैगेहूँ की … Continue reading यदि देश की सुरक्षा यही होती है-पाश #NOCAA

Swara Bhaskar dedicates some poems to Arnab Goswami
Courtesy: Satyen K Bordoloi Continue reading Swara Bhaskar dedicates some poems to Arnab Goswami

सबसे ख़तरनाक़ – पाश (असीमा भट्ट की आवाज़ में)
सबसे ख़तरनाक – पाश
मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होतीपुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होतीग़द्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होतीबैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो हैसहमी-सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो हैसबसे ख़तरनाक नहीं होताकपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो हैजुगनुओं की लौ में पढ़नामुट्ठियां भींचकर बस वक़्त निकाल लेना बुरा तो हैसबसे ख़तरनाक … Continue reading सबसे ख़तरनाक – पाश