
काँग्रेस+समाजवादी+वामपंथी- रामचंद्र गुहा की ‘फैंटेसी’ में छिपा भविष्य का रास्ता – Pankaj Srivastava ————————————————————–
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के नीम अंधेर कमरे में पहली बार यह शब्द-पद कान में पड़ा था- अमूर्त प्रत्यय ! वह बीए प्रथम वर्ष की कोई शुरुआती कक्षा थी। विज्ञान के विषयों से इंटरमीडिएट करके आने वाले मेरे जैसे छात्र के लिए इसका ठीक अर्थ समझने में कई साल लग गए। और जब थोड़ा- बहुत समझ आया तो पाया कि यह अपने किसी … Continue reading काँग्रेस+समाजवादी+वामपंथी- रामचंद्र गुहा की ‘फैंटेसी’ में छिपा भविष्य का रास्ता – Pankaj Srivastava ————————————————————–