यह देश के लिए कठिन समय है। ऐसे में एक सुझाव है यह। कृपया ध्यान दें।
देश में शव भक्त बहुत बढ़ गए हैं। ऐसे भक्तों से
सावधान रहें। सजग रह कर शव भक्त और देश भक्त का अंतर बनाए रखें।
घृणा की आंधी में अंधी भक्ति कभी भी शव भक्ति में बदल सकती है। सोचते रहें।
शव भक्त के कुछ लक्षण यह है कि वह आज सिर्फ शव गिन सकता है, वह सिर्फ शव ढो सकता है, वह शव जला सकता है, किसी जिंदा को शव बना सकता है और अंत में खुद शव बन सकता है।
ऐसे मुर्दाखोर प्रजाति से बचें। युद्ध सीमा पर होगा। देश के भीतर युद्ध की स्थिति न बने। ऐसे युद्धखोरों से सावधान रहें। ये शव के सौदागर आपको शव ना बना जाएं। जागते रहें।
आस पास के ‘शव गान’ वालों से बचें।
जो बस शव शव शव शव गा सकता है । शव हा शव शव हा शव रो सकता है। उससे सतर्क रहें। किसी भी सूचना को कई बार जांच कर उसकी प्रतिक्रिया दें। हो सके तो अपने मित्रों को सही सूचनाएं पाने में मदद करें। अफवाहों और अफ़्वाहबाजों से सावधान रहें।
देश भक्त रहें शव भक्त नहीं!
देश गान करें शव गान नहीं!
जय हिन्द
बोधिसत्व, मुंबई