उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनावों में भाजपा की भारी जीत की असलियत देखिये, कि ये लोग आख़िर कितने बड़े झूठे और बेईमान हैं।
दोपहर से भाजपाई नेताओं औऱ मीडिया ने योगी मोदी का जो बावला राग गा रखा है।वो ना सिर्फ इनके नैतिक औऱ राजनीतिक चरित्र की पोल खोलता है ,बल्कि सच्चाई से सामना ना करने की हिम्मत रखने वाले घटिया औऱ निर्लज्ज लोगो के गिरोह का भी प्रत्यक्ष प्रमाण देता है।
चुनाव परिणामों पर ज़रा गौर करें।
महापौर पद- 16 भाजपा विजयी – 14
बोलो योगी योगी- मोदी मोदी
बहुत बढ़िया बात है।यानि जनता ने जीएसटी, नोटबन्दी महंगाई, अपराध और बेरोजगारी को कोई बड़ा मुद्दा ना मानते हुए भाजपा में पूर्ण विश्वास कायम रखा।
लेकिन इसे हज़म करने में एक समस्या आड़े आ रही है, और वो ये कि इन 16 महापौर पदों पर ईवीएम से चुनाव हुए।
तो क्या हुआ?? अगर ईवीएम से चुनाव हुए तो?? जनता ने मोदी योगी पर विश्वास जताया है तो आपके पेट मे काहे मरोड़ उठ रही है??
तो सुनो बेईमानों,अगर हिम्मत है तो महापौर के साथ साथ उन 198 नगर पालिका अध्यक्ष और 438 नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर भी दो शब्द बोल दो,जहाँ पर मतदान बैलेट पेपर से हुए, और वहां के परिणाम तुम्हारे थोबड़े पर कालिख़ पोतने के लिए काफी हैं।
ज़रा देखिये इन सीटों पर क्या हुआ।
नगर पालिका अध्यक्ष पद- 198
भाजपा-60
सपा-39
बसपा-26
कोंग्रेस-7
निर्दलीय-40
यानि भाजपा- 60 , विपक्ष- 112
और देखिये
नगर पंचायत अध्यक्ष पद- 438
भाजपा-96
सपा-81
बसपा-43
कोंग्रेस-17
निर्दलीय-175
यानि भाजपा-96, विपक्ष- 316
तो सुनो रे बैसाखनन्दन के वंशज,
जहाँ पर ये मशीन लगती है ,वहाँ पर कुछ खास किस्म का हिंदुत्व हिलौरे मारने लगता है क्या,जो तुम्हे कोई हरा ही नही पा रहा.??
लेकिन जहाँ पर बैलेट पेपर इस्तेमाल हो रहा है,वहाँ पर सारे देशद्रोही तुम्हारी नाक में दम क्यों कर दे रहे हैं??