1.सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में आदेश दिया था कि सोहराबुद्दीन शेख हत्याकांड की सुनवाई गुजरात के बदले महाराष्ट्र में हो।
2. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि इसकी सुनवाई शुरू से लेकर अंत तक एक ही जज करेगा।
3. इस बीच सीबीआई ने तुलसीराम प्रजापति (सोहराबुद्दीन शेख और क़ौसर बी हत्या के चश्मदीद) की हत्या को भी इसी केस में मिला दिया।
4. जे टी उत्पट इसकी सुनवाई कर रहे थे। उत्पट ने 6 जून 2014 को आरोपी अमित शाह को अदालत में पेश होने को कहा। अमित शाह पेश नहीं हुए तो जज ने फटकार लगाई।
5. उत्कट ने फिर 20 जून को पेश होने को कहा। अमित शाह फिर पेश नहीं हुए। जज जेटी उत्कट ने फिर से 26 जून तक की मोहलत दी।
6. एक दिन पहले, यानी 25 जून को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए जज बदल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक ही जज सुनवाई करेगा।
7. बृजगोपाल हरकिशन लोया को नया जज बनाया गया। इस बार लोया ने अमित शाह को तलब किया। अमित शाह नहीं गए तो 31 अक्टूबर 2014 को लोया ने सवाल उठाया कि अमित शाह मुंबई में होते हुए भी अदालत क्यों नहीं आए?
8. 15 दिसंबर 2014 की अगली तारीख़ मुकर्रर हुई। एक दिसंबर 2014 को लोया के परिवार को फोन पर ख़बर मिली कि जस्टिस लोया नहीं रहे। लोया कि इस मौत पर कई दर्जन सवाल हैं।
9. फिर एम बी गोसावी को जज बनाया गया और 30 दिसंबर 2014 को अमित शाह को निर्दोष बताते हुए अदालत ने बरी कर दिया।
10. बीजेपी ने कहा, “सत्य की जीत हुई है.”