राजस्थान के दौसा जिले की महवा तहसील के हुड़ला गांव में उस दिन बरसात तेज थी.
SC परिवार की एक औरत की मौत हो गई थी और उसका दाह संस्कार होना था. देश के इस हिस्से में जातियों के अलग श्मशान हैं. कई राज्यों में ऐसा है.
किसी एक जाति के शमशान पर टीन का शेड है. मृतक के परिवार वालों ने उनसे अनुरोध किया कि अपने श्मशान में यह लाश जलाने दें क्योंकि उनके खुले श्मशान में लकड़ी भीग जाएगी और लाश जल नहीं पाएगी.
जानते हैं क्या हुआ?
उन्होंने अपना श्मशान इस्तेमाल करने नहीं दिया. कहा कि सबका अपना अपना भाग्य होता है. दलित भी ठहरे जीवट वाले. तिरपाल का शामियाना टांगा और उसके नीचे जलाई लाश. मिट्टी के तेल का भी इस्तेमाल करना पड़ा.
ब्राह्मण धर्म ने हर किसी को जातिवादी बना दिया है.
बीजेपी के विधायक ओमप्रकाश हुड़ला इसी गांव के हैं और भारत में जातिवाद खत्म हो चुका है!
फॉरवर्ड प्रेस से साभार.