गुजरात गाय कांड अपडेट
– पूरे प्रदेश में तूफान. कई जगहों पर लोगों ने ट्रैफिक रोका. बसों में तोड़फोड़, सड़कों पर टायर जलाए गए
– सुरेंद्रनगर कलेक्टर ऑफिस में तीन ट्रक भरकर गायों के शव पहुंचाने के बाद, कई और कार्यालयों में गायों के अवशेष पहुंचाए गए
– बहन मायावती ने मामला राज्य सभा में उठाया, राज्यसभा की कार्यवाही रोकी गई
– देश के तमाम राष्ट्रीय चैनलों ने साधी चुप्पी
– गुजराती चैनलों ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की
– गुजरात में इंटरनेट पर लग सकती है रोक
– राज्य सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए
– गिरफ्तार गो – तालीबान की संख्या नौ हुई
– सस्पेंड होने वाले पुलिस अफसर तीन
– मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल पर इस्तीफे के लिए दबाव, फैसला संघ करेगा
– गो – तालीबान पर मुकदमा के लिए स्पेशल प्रॉसिक्यूटर नियुक्त
गुजरात के आंबेडकरवादी आंदोलन की बड़ी जीत. खबर आ रही है कि ऊना थाने के पुलिस इंस्पेक्टर को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. गाय की चमड़ी उतारने के मामले में गाय-तालीबान ने यहां दलितों को गाड़ी में बांधकर रॉड से मारा था. छह गौ-आतंकवादी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
गौ – आतंकवाद नहीं चलेगा. गुजरात में भी नहीं चलेगा.
गौ-तालीबानी बिहार में इसलिए नहीं हारे कि 17% मुसलमानों ने उनके खिलाफ वोट डाला. वे इसलिए हारे क्योंकि 83% अन्य लोगों ने इन तालिबानियों को रिजेक्ट कर दिया.
बिहार में सिर्फ तीन सीट मुसलमान बहुल हैं. बाकी सीट पर बीजेपी को हिंदुओं ने हराया.
यूपी में भी गौ – आतंकवाद विफल होगा.
गौ – आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रयोग बिहार चुनाव के दौरान किया गया. पहले अखलाक की दादरी में हत्या की गई और फिर चुनाव में उसे मुद्दा बनाया गया. बीजेपी ने ऐसे पोस्टरों से बिहार के अखबार भर दिए.
इसकी उल्टी प्रतिक्रिया हुई. दलित, पिछड़े और मुसलमान बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो गये.
बीजेपी गाय लेकर बिहार गई और गोबर लेकर लौटी.
यूपी में भी गौ आतंकवादी सफल नहीं हो पाएंगे.
अलग अलग रहेंगे तो वे कभी आपको मारेंगे, तो कभी आपको. आपकी एकता से राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी. यह साझा दर्द का रिश्ता है.
पहली तस्वीर गुजरात दंगे में पिटते मुसलमान की है और दूसरी तस्वीर में मरी गाय की खाल उतारने पर पिटते दलित हैं. मारने वाले एक ही हैं.