अख़लाक़ के फ्रिज में रखी थी
रोहित की अस्थियां
और उसकी फैलोशिप
एक गाय के पेट में
गाय का पेट था
नागपुर की तिजोरी में
और नागपुर है लिपटा
गेरुए कपड़े में
ख़ाकी धागे से बंधा
आग लगती है तो सबसे पहले
पानी डाला जाता है गेरुए कपड़े पर
और भीग जाती है
अंदर रखी गाय
रोहित की अस्थियां और अख़लाक का फ्रिज
दोनों को छुपा दिया जाता है
आपके घरों में
अख़लाक के फ्रिज में गाय नहीं थी
रोहित की अस्थियां थी
नागपुर की तिजोरी में गाय नहीं थी
गूंज रही थी
अख़लाक़ की नमाज़ ए जनाजा
इस बार की आग में
तिजोरी जल जाएगी
और बचेगी गाय
गाय बहुत खुश है
गाय क़ैद से आज़ाद होगी
गाय सोचती है
क़ैद से कब आज़ाद होगा इंसान
