पहला झूठ ये था कि रोहिथ ने उत्पीड़न से परेशान कर आत्महत्या की…
दूसरा झूठ ये था कि रोहिथ का कोई उत्पीड़न हो भी रहा था…
तीसरा झूठ था कि रोहिथ को किसी केंद्रीय मंत्री के कहने पर निष्कासित किया गया…
चौथा झूठ था कि रोहिथ को एबीवीपी के दबाव में निष्कासित किया गया…
पांचवा झूठ था कि रोहिथ को निष्कासित किया गया…
छठा झूठ ये था कि किसी को भी निष्कासित किया गया…
सातवां झूठ ये है कि सारे निष्कासित छात्र दलित थे…
आठवां झूठ ये है कि रोहित दलित था…
नवां झूठ ये है कि दलित कोई होते भी हैं…
दसवां झूठ ये है कि दलित होते भी हैं, तो इंसान हैं…
ग्यारहवां ये है झूठ कि इस देश में पिछले डेढ़ साल से कोई दलित उत्पीड़न है…
बारहवां झूठ ये है कि इस देश में किसी भी तरह का कोई उत्पीड़न है…
तेरहवां झूठ ये है कि रोहिथ गरीब परिवार से था…
चौदहवां झूठ ये है कि रोहिथ नाम का कोई लड़का था भी…
पंद्रहवां झूठ ये है कि इस देश में पिछले डेढ़ साल से कोई गरीब भी है…
सोलहवां झूठ ये है कि इस देश में कई दुखी या वंचित भी है…
सत्रहवां झूठ ये है कि बीजेपी साम्प्रदायिक पार्टी है…
अट्ठारहवां झूठ ये है कि देश में हिंदू कट्टरपंथ बढ़ रहा है…
उन्नीसवां झूठ ये है कि यह एक देश है…
बीसवां झूठ ये है कि यह एक गणतंत्र है…
इक्कीसवां झूठ यह है कि आप गणतंत्र का मतलब समझते हैं…
इन झूठों का पुलिंदा लिए, हम और चल नहीं सकते…ये बोझ रोज़ बढ़ कर भारी होता जा रहा है…इसको कंधे पर ढोने में हम और अक्षम हैं…और आप इंतज़ार कर रहे हैं कि सामूहिक आत्महत्याएं हों…तब ही इस बोझ को उतारेंगे…इन झूठों का गट्ठर बांधे, हम और नहीं चल सकते…इन झूठों के गट्ठर में आग लगा दीजिए…भले ही हम साथ जल जाएं…