पुणे के एफटीआईआई में छात्रों के ऊपर हुए बर्बर पुलिस दमन के विरोध में आज मुम्बई विश्वविद्यालय परिसर के मेन गेट पर यूनिवर्सिटी कम्युनिटी फॉर डेमोक्रेसी एण्ड इक्वॉलिटी (UCDE) द्वारा ज़ोरदार प्रदर्शन किया गया।
गौरतलब है कि 7 जनवरी को एफटीआईआई में गजेन्द्र चौहान की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं के साथ पुलिस ने मारपीट की थी व लगभग 40 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि शाम को उन्हें छोड़ दिया गया था पर इससे एक बार फिर से सरकार और पुलिस का घृणित चेहरा सामने आया। शान्तिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठियाँ बरसाना साफ दिखाता है कि आवाज़ और सवाल उठाने वालों के प्रति सरकार का क्या रुख है।
यूसीडीई के नारायण खराडे ने बताया कि कांग्रेस के बाद अब भाजपा सरकार और भी तेज़ी के साथ शिक्षा का निजीकरण कर रही है जिससे आम घरों से आने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई कर पाना और अधिक मुश्किल होता जा रहा है। इसके साथ ही शिक्षा का भगवाकरण भी भाजपा सरकार का मुख्य एजेण्डा है। इसी कारण से वह लगातार उच्च शिक्षण संस्थानों के शीर्ष पर संघ से करीबी रखने वाले लोगों को बिठाती जा रही है।
एफटीआईआई में गजेन्द्र चौहान व चार अन्य लोगों की नियुक्ति भी इसी राजनीति का हिस्सा है। नारायण ने कहा कि मोदी सरकार धर्म की राजनीति और कोरे वायदे करते हुए सत्ता में आई और उसके सत्ता में आने के बाद से अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगातार हमले हो रहे हैं, छात्रों का दमन हो रहा है और देश में साम्प्रदायिकता की राजनीति ज़ोरों पर है। इससे लड़ने के लिए छात्रों को ही सबसे पहले आगे आना होगा और अपनी आवाज़ उठानी होगी।
प्रदर्शन के दौरान ज़ोरदार नारे लगाये गये, पर्चे बांटे गये व क्रान्तिकारी गीत गाये गये। अन्य छात्रों ने भी पुणे में हुई घटना के विरोध में अपनी बातें रखी।