**********************************************************
जब मैं लगातार हिंदुओं के कट्टरपंथ और मूर्खता पर लिख सकता हूं, तो मुझे पूरा अधिकार है, हर धर्म के पागलपन के बारे में बोलने का…और हां, जो आईएसआईएस के हमले के लिए इस्लामिक कट्टरपंथ को नकार कर, बार-बार अमेरिका जप रहे हैं…उनसे कुछ सवाल हैं…
1. हम भी जानते हैं कि आईएसआईएस के पीछे अमेरिका है…आप भी जानते हैं तो आईएस के खिलाफ कितनी बार आप खुल कर बोले?
2. आईएस के पीछे अमेरिका है, तो फिर शार्ली हेब्दो पर हमले के समय उसको आप इस्लाम का रखवाला और सही क्यों घोषित कर रहे थे?
3. आईएस के पीछे अमेरिका है, लेकिन उसके साथ दुनिया भर से जा कर जिहाद के नाम पर लड़ रहे नौजवान, किस विचार के कारण जा रहे हैं? क्या उन नौजवानों का भी इस्लाम और उसके कट्टरपंथ से कोई ताल्लुक नहीं है?
4. अगर आईएस के पीछे अमेरिका है, तो फिर सऊदी क्या कर रहा है? जिस इज़रायल को आप बार-बार इस मामले में ला रहे हैं…वह भी सौ फीसदी शामिल है, यह हम भी मान रहे हैं…फिर सऊदी क्या कर रहा है…फिर कैसे सऊदी आपके लिए आदरणीय है?
5. अगर आपकी किताब सबसे महान है…आपका धर्म सबसे महान और शांति का मज़हब है…(हालांकि न आपका न किसी का मज़हब ऐसा है)…तो फिर क्या वजह है कि आपके नौजवान किताब को पढ़ने और मज़हब को कट्टरता से मानने के बावजूद गुमराह हो रहे हैं….
6. अगर इस सब के पीछे अमेरिका है…लेकिन इसे अंजाम आपके गुमराह युवक दे रहे हैं…अगर इतनी ब़ड़ी संख्या में आपके धर्म के अनुयायी गुमराह हो रहे हैं…तो फिर आप या तो यह मान लीजिए कि अमेरिका इसके पीछे अकेली वजह नहीं है…आपका कट्टरपंथ भी है…या फिर यह मान लीजिए कि आपका मज़हब बेहद कमज़ोर है…आपकी किताब बेअसर है…और आपके मौलाना-उलेमा की बातों में वह ताकत ही नहीं है, जो नौजवानों को गुमराह होने से रोक ले…और कितनी आसानी से अमेरिका के बहकावे में आ रहे हैं…जबकि वह अमेरिका के खिलाफ ही लड़ने के नाम पर जा रहे हैं…
7. अंततः आपको यह मान लेना चाहिए कि हर धर्म के मूल में गड़बड़ी है…या फिर बार-बार अमेरिका वगैरह का नाम मत लीजिए…अपने धर्म की कमी के बारे में सोचिए और उसको सुधारिए…
8. और हां, अगर आपको मेरे हिंदू कट्टरपंथ के खिलाफ लिखने से प्यार है और इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ लिखने से दिक्कत है…तो I care a damn….मैं नास्तिक हूं…धर्म निरपेक्ष हूं…मैं धर्म निरपेक्षता और मूर्खता में अंतर जानता हूं…