तुम कैसी हो? तुमने शहर जाकर ऊंची शिक्षा ली और जॉब करके अब काफी रुपए घर भेज रही हो, हमें बहुत ही अच्छा लगता है. तुम्हारी तरक्की से समाज में हमारी इज्जत बढ़ी है.
अपने फैसले खुद लेना. जहां चाहो वहां शॉपिंग करो. लड़कों के साथ घूमने-फिरने सिनेमा देखने में भी कोई बुराई नहीं है. वेस्टर्न आउटफिट भी चलेगा. पार्टी-सार्टी तो होनी ही चाहिए. आखिर हम लोग भी मॉडर्न लोग हैं.
हां, अपना कौमार्य यानी वर्जिनिटी जरूर बचा कर रखना. उसके बारे में तय करने का अधिकार हमारा है. तुम्हारा कौमार्य कौन भंग करेगा, यह हम तय करेंगे. तुम पूरी तरह से आजाद हो, जैसे चाहो रहो, लेकिन तुम्हारी देह के बारे में फैसला हम करेंगे. तुम किससे अपने बच्चे पैदा करोगी, यह फैसला तुम कैसे कर सकती हो? तुम “हमारी” बेटी हो. हो कि नहीं? फिर?
देखो, हम तुम्हें प्राणों से ज्य़ादा चाहते हैं, तुम्हें एहसानमंद होना चाहिए कि गर्भ में तुम्हारे लिंग का पता चलने की तकनीक मौजूद होने के बावजूद तुम जन्म ले पाई हो. अगर अपनी मर्जी से अपनी देह के बारे में फैसला करने की कोशिश की तो, हम तुम्हारी गर्दन मरोड़ भी सकते हैं. ऐसा होता रहता है, तुमने सुना ही होगा.
अपना ख्याल रखना, समय पर पैसे घर भेजते रहना. छुट्टियों में नया LED टीवी लेकर आना.
खुश रहो,
तुम्हारा पिता (और कौन?)