हम आपको बहुत कुछ पढ़वाने की कोशिश करते हैं। इस में से कुछ ऐसा होता है, जो बेहद ज़रूरी होता है और कुछ ऐसा जो हमें लगता है कि आपके दिल को छुएगा। मनोरंजन भी करवाते हैं, तो ये ही उद्देश्य साथ होते हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो दिल को भी छूती हैं और ज़रूरी भी होती हैं। हम में से ज़्यादातर लोगों मे जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का पत्राचार पढ़ा होगा। मैं नहीं जानता कि वह वक़्त कितना कठिन था, लेकिन यह पता है कि तब हम विदेशी फासीवाद और उपनिवेशवाद से लड़ रहे थे, शायद इसलिए हम एकजुट हो पाए थे, अब ये लड़ाई अपने ही देश के फासीवादी-पूंजीवादियों से है, इसलिए शायद थोड़ी मुश्किल है। लेकिन इस मुश्किल लड़ाई को लड़ने में परिवार का साथ, बेहद अहम है। यह चिट्ठी आप ने अंग्रेज़ी में पढ़ी है, इसको हिंदी में भी पढ़िए…हम ने कोशिश की है, सोचने की कि इसको अगर हिंदी में लिखा जाता, तो कैसे लिखा जाता…पढ़िए, बर्खास्त योद्धा आईपीएस संजीव भट्ट के बेटे शांतनु भट्ट की उनको लंदन से लिखी गई यह पाती…
- मॉ़डरेटर
आज के इस दुखद दिन, जब भारतीय गणतंत्र ने अपने सबसे क़ाबिल, सबसे बुद्धिमान और सबसे बहादुर अफसरों में से एक को गंवा दिया है, डैड, मैं आपको सलाम करना चाहता हूं, मैं आपको सलाम करना चाहता हूं और आपके बेटे और इस अद्भुत देश के शिक्षित, जागरुक और ज़िम्मेदार नागरिक के नाते आपका आभार प्रकट करना चाहता हूं, कि आप ने बिना यह सोचे कि आप और आपके भारतीय पुलिस सेवा के करियर पर क्या असर पड़ेगा, वह किया, जो सही था।
मैं आपको उन लोगों के लिए खड़े होने के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिनकी मदद और विरोध की पुकारें, बहरे कानों पर गिरती रही! मैं आपको बताना चाहता हूं कि अपनी पूरी सामर्थ्य और शक्ति से एक संसाधनयुक्त और ख़तरनाक़ रूप से भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ, आपने जिस तरह से एक धारा के विपरीत लड़ाई लड़ी है उसके लिए मुझे आप पर कितना गर्व है। लेकिन मैं आपको यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि जंग अभी बाकी है! माहौल और ज़्यादा विद्रूप और ख़तरनाक़ हो चुका है, लेकिन आप आज भी वहीं और उसी साहस और निर्भीकता के साथ खड़े हैं, जहां आप 14 साल पहले 2002 में और 27 साल पहले, तब खड़े थे, जब आप भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे, इस समय देश की सत्ता पर क़ाबिज़ हो चुकी, सबसे घातक सरकार से भी आमना-सामना करने के लिए।
एक परिवार के तौर पर हम हमेशा आपके साथ खड़े रहे, आपको समर्थन देते रहे और हम हमेशा ऐसा ही करते रहेंगे, इस सरकार को चला रहे धूर्त लोग हमको एक परिवार के तौर पर अस्थिर करने की भी पूरी कोशिश कर सकते हैं। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम अमिट प्रेम, विश्वास और एक दूसरे के लिए सम्मान से बंधा हुआ एक परिवार हैं, आपको और हमको तोड़ने के निरर्थक लेकिन लगातार प्रयास हमको न केवल और मज़बूत बनाएंगे, बल्कि आपकी लड़ाई के मक़सद और आपके लिए हमारे समर्थन को भी और अडिग कर देंगे।
अंत में, मैं आपको इस विद्वेषपूर्ण सरकार की ज़ंज़ीरों से आज़ाद होने के लिए बधाई देना चाहता हूं, अपने खिलाफ आवाज़ उठाने या सत्य के साथ खड़े होने वाले वाले किसी भी व्यक्ति को तोड़ने और उससे दुश्मनी निकालने की कोशिश करती है। आपके जीवन के इस नए अध्याय में मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप वो सब करें, जिसमें आपको प्रसन्नता और संतुष्टि मिलती है और एक परिवार के रूप में हम हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे, आपके हर फैसले के समर्थन में!
ढेर सारे प्यार और सम्मान के साथ,
शांतनु भट्ट
(एक बेहद गर्वीला और प्यारा बेटा)
शांतनु आईपीएस संजीव भट्ट के पुत्र हैं और इस समय यूके में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
मूल पत्र से अनुवाद – मयंक सक्सेना
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https://hillele.org/2015/08/20/letter-from-my-son-sanjiv-bhatt/
Can you please post the english version, so that we can share it with our english speaking friends.
https://hillele.org/2015/08/20/letter-from-my-son-sanjiv-bhatt/
शाबाश! बहादुर बाप का बहादुर बेटा!
UR FATHER IS BRAVE AND U PROVE THAT U R HIS BRAVE SON.SALUTE TO U BOTH.