सारा समाज मानता है कि बलात्कार वर्जित कर्म है .
लेकिन जैसे ही बलात्कारी का या पीड़ित का नाम सामने आता है .
तुरंत समाज की राय बदल जाती है .
ये एक खतरनाक और बदमाशी की बात है .
कुछ लोग मानते हैं कि हमारी सेना के जवान बलात्कार नहीं कर सकते .
और इरोम शर्मिला तो असल में देश को कमज़ोर कर रही है .
कुछ लोग कहेंगे कि अंकित गर्ग नक्सलियों के खिलाफ लड़ रहा है इसलिए सोनी सोरी नामक नक्सली उस पर झूठा आरोप लगा रही है .
कुछ लोग कहते हैं कि बड़ी जाति के पुरुष छोटी जाति की महिला से बलात्कार कर ही नहीं सकते और भंवरी देवी झूठ बोल रही है .
असल में तो अभी हम पूरी तरह सभ्य ही नहीं हुए हैं .
अभी भी हमारी सोच पर हमारी स्तिथी , हमारी जाति , हमारी आर्थिक स्तिथी हावी हो जाती है .
तब हमारी सोच सत्य को समझने के नाकाबिल हो जाती है .
यह बहुत लंबे समय से हमारे चिंतन का दोष रहा है .
लेकिन सत्य तो परिस्थिति , जाति , सम्प्रदाय , राजनैतिक विचारधारा से मुक्त होता है .
साहसी बनिए , समाज को आगे ले जाइए , परिस्थिति से मुक्त सत्य वैज्ञानिक चिंतन करना प्रारम्भ कीजिये .
वरना आप भी हमेशा एक तरह के साम्प्रदायिक ही बने रहेंगे .