![Mayank Saxena 536977_10151483671001605_862608914_n[1]](https://hilleletv.files.wordpress.com/2013/02/536977_10151483671001605_862608914_n1.jpg?w=300&h=215)
भूलने का दर्शन…
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भूल जाओ
जो कुछ हुआ
आगे बढ़े उस से
हां लेकिन तुम नहीं बढ़ोगे
आगे अपनी मज़हबी-धार्मिक
पवित्र किताबों के जिनको हमारे साथ हुए …
अन्याय से भी कहीं पहले
लिख दिया था अनजान लोगों ने
तुम याद रखोगे
600 साल पहले हुआ एक हमला
1400 साल से चल रहा धर्मयुद्ध
न जाने कब तोड़ा गया (या फिर नहीं) एक मंदिर
तुम भूलोगे
नहीं बंटवारा
तुम्हारे लिए हमेशा अहम रहेगा
इंसान नहीं इंसान का बनाया मज़हब
और फिर तुम हंस कर कह दोगे
अरे भूल भी जाओ
जाने दो…
जो हुआ सो हुआ
गंगा में बहुत पानी बह गया…
(बहुत सा खून भी)